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Showing posts from February, 2018

रसचक्र सत्रहवीं बैठकी

28 जनवरी 2018 को रसचक्र की सत्रहवीं बैठकी सम्पन्न हुई। यह बैठकी अभी तक हुई बैठकी से भिन्न और विशेष थी। इसका कारण था बैठकी का गाँधी स्मृति (जो 30 जनवरी मार्ग पर स्थित है) में होना। जनवरी गाँधी जी की हत्या का महीना है इसलिए बैठकी का आयोजन गाँधी जी के हत्या के स्थल गाँधी स्मृति (जिसका पुराना नाम बिड़ला हाउस है) में किया गया। गाँधी जी को याद करने के लिए इससे बेहतर स्थान नहीं हो सकता। बैठकी का विषय भी गाँधी और उनसे संबंधित रचनाएँ रखी गई थीं। बैठकी में भाग लेने 25 लोग पहुँचे। गाँधी जी से जुड़ी रचनाएँ तो केंद्र में रहीं इसके साथ ही कई और तरह की रचनाओं का पाठ भी यहाँ किया गया। बैठकी का आरंभ हुआ Pearl s buck के अंग्रेज़ी लेख से। इसके अतिरिक्त selected work of Gandhi से राजकुमारी अमृतकौर को गांधी को लिखा गया पत्र पढ़ा गया। गाँधी का पत्र सरोजिनी नायडू के नाम और सरोजिनी नायडू का पत्र गाँधी के नाम पढ़कर सुनाए गए। इन सभी पत्रों की भाषा अंग्रेजी थी। इसके अलावा 24 दिसंबर 1940 को हिटलर को लिखी गाँधी की चिट्ठी रसिकों के सामने पढ़ी गई। महादेवी वर्मा का लिखा लेख 'पुण्य स्मरण' रसिक

रसचक्र सोलहवीं बैठकी

31 दिसंबर 2017 को रसचक्र की सोलहवीं बैठकी सम्पन्न हुई। बैठकी में 17 लोगों ने शिरकत की।  हर बार की तरह इस बार भी बैठकी में गद्यात्मक और पद्यात्मक रचनाएँ पढ़ी गईं। गद्य की रचनाओं में सुभद्राकुमारी चौहान की 9 वर्ष की आयु में लिखी गई कहानी 'किस्मत' सुनाई गई और सुधीर चंद्र द्वारा लिखी किताब हिंदी, हिन्दू, हिंदुस्तान से एक लेख पढ़ा गया।   पद्यात्मक रचनाओं में हिंदी, उर्दू, भोजपुरी आदि की रचनाओं का पाठ किया गया। हिंदी में रामधारी सिंह दिनकर की लंबी कविता, विनय मिश्र अलवर, सुभद्राकुमारी चौहान की कविताओं का पाठ किया गया तो उर्दू से मजाज़ लखनवी के अशआर पढ़े गए।  नाज़िम हिकमत की तुर्की में लिखी कविता का अनुवाद पढ़कर सुनाया गया। इसका अनुवाद चंद्रबली जी ने किया है। प्रकाश उदय द्वारा लिखा गया भोजपुरी गीत पढ़ा गया तो सामा चकवा से संबंधित लोक गीत भी बैठकी में सुनाया गया। अलवर के रहने वाले देवल आशीष का कृष्ण पर लिखा गीत सुनने का मौका भी रसिकों को मिला। रसिकों ने भाषा और विविधता का ध्यान रखते हुए रचनाओं का चयन किया था, यह चयन सराहनीय है। हम आशा करते हैं कि रसिक इस विविध

हर क़तरा तूफ़ान प्रस्तुति, दिल्ली

हर क़तरा तूफ़ान, 11 फ़रवरी 2018, रज़ा फाउंडेशन के साथ रसचक्र की प्रस्तुति। IIC Annexe, Delhi

Haqikat aur khawab Lucknow show